विंध्यक्षे्त्रं समम् क्षेत्रं नास्ति ब्रम्हांड गोलके
विन्ध्यक्षेत्रं परं दिव्यं पावनम् मंगलप्रदम
विंध्याचल धाम में होने वाले सभी धार्मिक कार्यो को संपन्न कराने के लिए
जैसे- यज्ञोपवीत ,विवाह ,ग्रह शांति के लिए पूजा पाठ हवन आदि
अषाध्य रोगों के निवारण एवं शत्रु पर विजय पाने व सभी प्रकार के आर्थिक सामाजिक कष्ट निवारण के लिए माँ का चंडी पाठ ,बंगला मुखी जाप ,महामृत्युंजय जाप,
माँ के चारों श्रींगार में प्रशाद चढ़वाने ,माँ के दरबार में भंडारे का आयोजन ,
माँ का श्रींगार कराने के लिए ,माँ के चरणों में किसी भी प्रकार का भेट प्रदान करने के लिए ,
माँ का सत् चंडी ,शाहस्त्र चंडी , लक्ष चंडी ,यज्ञ के लिए संपर्क करे
माँ विंध्यवासिनी लक्ष्मी स्वरूपा है । अतः माँ लक्ष्मी की विशेस कृपा हेतु विशेष पूजन कराए एवं महा लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करे
विशेष - यहाँ के जैसा त्रिकोण क्षेत्र अखिल ब्रह्माण्ड में कही नही है
यहाँ के दरबार में सिंदूर दान(विवाह) करने पर सभी प्रकार के मंगला दोष का निवारण हो जाता है
यहाँ माँ के दरबार में अखंड हवन कुण्ड है जो बारहों महीने चौबिशों घंटे प्रज्वलित रहता है
04:00 AM to 05:00 AM.
12:30 PM to 01:30 PM.
07:30 PM to 08:20 PM.
09:30 PM to 10:30 PM.